योजना का मुख्य उद्देश्य
हरियाणा मिनी डेयरी योजना का मुख्य उद्देश्य :
- यह योजना राज्य में दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने, आधुनिक तकनीकों का उपयोग करने और पशुपालकों की आय में वृद्धि करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इसके तहत योग्य किसानों और पशुपालकों को आर्थिक सहायता और अनुदान प्रदान किया जाएगा, जिससे वे हाई-टेक डेयरी यूनिट्स स्थापित कर सकें।
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योजना के लाभ
हरियाणा मिनी डेयरी योजना के लाभ :
- वित्तीय सहायता – सरकार द्वारा डेयरी यूनिट स्थापित करने के लिए सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
- हाई-टेक सुविधाएं – आधुनिक मशीनों और उपकरणों से लैस डेयरी यूनिट स्थापित करने में सहायता मिलेगी।
- प्रशिक्षण और मार्गदर्शन – पशुपालकों को आधुनिक डेयरी प्रबंधन, पशु आहार, दुग्ध उत्पादन तकनीकों आदि पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- कर्ज और अनुदान – पात्र पशुपालकों को बैंकों से ऋण लेने में सहायता और अनुदान दिया जाएगा।
- स्वास्थ्य सेवाएं – पशुओं के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए उचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
- दुधारू पशुओं की 75% लागत पर ब्याज अनुदान (25% मार्जिन मनी है) लाभार्थी द्वारा 20 और 50 दुधारू पशुओं की डेयरी इकाइयों की स्थापना के लिए इन दुधारू पशुओं की खरीद हेतु ऋण के रूप में प्राप्त किया जा सकता है;
- वित्तीय सहायता बैंक द्वारा वित्तपोषित ऋण राशि पर ब्याज अनुदान के रूप में प्रदान की जाएगी (केवल पशुधन घटक के लिए)।
- 01 दुधारू पशु की डेयरी इकाई (ब्याज अनुदान) केवल महिलाओं के लिए
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योजना की पात्रता
हरियाणा मिनी डेयरी योजना की पात्रता :
- आवेदक हरियाणा राज्य का निवासी होना चाहिए।
- पशुपालक या किसान के पास उचित स्थान और संसाधन होने चाहिए।
- लाभार्थी को डेयरी व्यवसाय में रुचि और न्यूनतम पशुपालन अनुभव होना चाहिए।
- बैंक ऋण लेने की स्थिति में अच्छा क्रेडिट रिकॉर्ड आवश्यक होगा।
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आवश्यक दस्तावेज
हरियाणा मिनी डेयरी योजना के लिए आवेदन करने हेतु दस्तावेज निम्नलिखित दिए गए हैं :
- परिवार पहचान पत्र (पीपीपी आईडी)
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- बैंक खाते की कॉपी
- आवेदक की फोटो
- बैंक से NOC
- शेड निर्माण के लिए स्थान की फोटो
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आवेदन प्रक्रिया
हरियाणा मिनी डेयरी योजना को आवेदन करने की प्रक्रिया निम्न प्रकार दी गई है :
- आधिकारिक अधिसूचना पढ़ें
आवेदन प्रक्रिया शुरू करने से पहले, आधिकारिक अधिसूचना को ध्यानपूर्वक पढ़ें। इसमें पात्रता मानदंड, आवेदन शुल्क, महत्वपूर्ण तिथियां, आयु सीमा, छूट नीतियां और चयन प्रक्रिया जैसी आवश्यक जानकारी दी गई होती है।
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आवश्यक दस्तावेज़ एकत्र करें आवेदन के लिए जरूरी सभी दस्तावेज़ पहले से तैयार रखें। इसमें शैक्षणिक प्रमाण पत्र, अंक तालिका, पहचान पत्र, फोटो, हस्ताक्षर, पता विवरण और अन्य आवश्यक जानकारी शामिल होनी चाहिए।
- आवेदन फॉर्म भरें
सभी जानकारी सही-सही भरें। सुनिश्चित करें कि नाम, जन्मतिथि, संपर्क विवरण और अन्य जानकारी में कोई गलती न हो। किसी भी त्रुटि से बचने के लिए फॉर्म भरने के बाद पुनः जांच करें।
- आवेदन जमा करने से पहले समीक्षा करें
फॉर्म जमा करने से पहले सभी विवरणों की सावधानीपूर्वक जांच करें। यदि कोई गलती पाई जाती है, तो उसे सही करें ताकि आवेदन अस्वीकार न हो।
- आवेदन पत्र जमा करें
सभी विवरणों की पुष्टि करने और आवश्यक शुल्क का भुगतान करने के बाद, आवेदन पत्र को अधिसूचना में दिए गए निर्देशों के अनुसार जमा करें।
- आवेदन की प्रति सहेजें और प्रिंट लें
आवेदन सफलतापूर्वक जमा करने के बाद, इसकी एक प्रिंट कॉपी निकालकर सुरक्षित रखें। यह भविष्य में संदर्भ के लिए उपयोगी होगी।
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महत्वपूर्ण जानकारी
हरियाणा मिनी डेयरी योजना से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी निम्नलिखित दी गई है :
- हरियाणा सरकार की यह योजना पशुपालकों और किसानों की आय बढ़ाने, रोजगार के नए अवसर पैदा करने और राज्य में दुग्ध उत्पादन को आधुनिक बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यदि आप डेयरी व्यवसाय में रुचि रखते हैं, तो इस योजना का लाभ उठाकर अपने भविष्य को उज्जवल बना सकते हैं।
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Important Links for Haryana Mini Dairy Scheme 2025
Frequently Asked Questions
What is the primary objective of the “Scheme for Establishment of Hi-Tech and Mini Dairy Units”?
The scheme aims to promote self-employment among unemployed youth in Haryana by providing financial assistance to establish dairy units, thereby enhancing milk production and improving beneficiaries’ socio-economic status
Who is eligible to apply for this scheme?
Unemployed residents of Haryana, aged between 18 and 60 years, with adequate space to maintain milch animals, are eligible to apply.
What types of dairy units can be established under this scheme?
Beneficiaries can set up dairy units with capacities of 4, 10, 20, or 50 milch animals, including buffaloes, indigenous cows (Hariana, Sahiwal, Belahi, Red Sindhi, Tharparkar, and Gir breeds), and crossbred cows.
What financial assistance is provided through the scheme?
The scheme offers a 25% subsidy on the cost of two milch animals for establishing dairy units.
Is there any provision for insurance under this scheme?
Yes, insurance assistance is provided as per the available departmental scheme. If the departmental insurance scheme is not operational, beneficiaries are required to arrange and bear the cost of insurance themselves.
Are there any educational qualifications required to apply?
No specific educational qualifications are mandated for applicants under this scheme.
What is the role of banks in this scheme?
The scheme is credit-based, with commercial banks under Agriculture Finance providing loans for establishing the dairy units.